74वां अवतरण (अवतार) दिवस 2024- तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज | Avataran Diwas Sant RampalJiMaharaj
74वां अवतरण (अवतार) दिवस 2024- तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
वार्षिक कार्यक्रम
74वां अवतरण (अवतार) दिवस 2024- तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
74वां अवतरण (अवतार) दिवस 2024- तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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जब जब धरती पर अधर्म बढ़ता है तब तब परमात्मा धरती पर स्वयं या अपने द्वारा चुनी हुई आत्मा को अवतार रूप में प्रकट करते हैं।
भगवद गीता अध्याय 4 श्लोक 7 और 8
यदा, यदा, हि, धर्मस्य, ग्लानिः, भवति, भारत, अभ्युत्थानम्, अधर्मस्य, तदा, आत्मानम्, सृजामि, अहम् ।।
परित्राणाय, साधूनाम्, विनाशाय, च, दुष्कृृताम्,धर्मसंस्थापनार्थाय, सम्भवामि, युगे, युगे ||
अर्थ: जब भी धर्म का ह्रास होता है और अधर्म बढ़ता है तो मैं (सर्वशक्तिमान) स्वयं ही अथवा अपने अवतार को भेजता हूं जो पुण्य आत्माओं की रक्षा करने और दुष्टों को नष्ट करने और शास्त्र-आधारित भक्ति का मार्ग देने के लिए प्रकट होता है। मैं अपने अवतार हर युग में प्रकट करता हूं और दिव्य लीला करते हुए धर्म की स्थापना करता हूं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, संपूर्ण ब्रह्मांड के निर्माता इस मृत दुनिया में अमर लोक से समय समय पर अवतरित होते हैं और इस समय भी महान संत रामपाल जी महाराज के रूप में दिव्य लीला कर रहे हैं। 8 सितंबर वह शुभ दिन है जब हर साल संत रामपाल जी महाराज जी सर्वशक्तिमान कबीर साहेब जी का अवतार दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है।
अवश्य पढ़ें: वार्षिक कार्यक्रम
इस लेख में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जाएगी
74वां अवतरण (अवतार) दिवस 2024- संत रामपाल जी महाराज
अवतार का अर्थ क्या है?
आध्यात्मिक गुरु संत रामपाल जी महाराज के विषय में जानकारी
अवतार संत रामपाल जी महाराज का एकमात्र उद्देश्य
अवतार संत रामपाल जी महाराज के विषय में भविष्यवाणियां
अवतार दिवस 2024 समारोह: लाइव इवेंट
अवतार संत रामपाल जी महाराज के विषय में पवित्र शास्त्रों से साक्ष्य
अवतार संत रामपाल जी महाराज के विषय में सर्वशक्तिमान कबीर जी की भविष्यवाणी
सामाजिक उत्थान में संत रामपाल जी महाराज का योगदान
अवतरण (अवतार) दिवस कैसे मनाया जाता है?
74वां अवतरण दिवस 2024- संत रामपाल जी महाराज
8 सितंबर 2024 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का 74वां अवतरण दिवस है। पूर्ण ब्रह्म/परमेश्वर के अवतार जिन्होंने 17 फरवरी 1988 को अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की और सामाजिक पाखंडवाद की बेड़ियों को तोड़कर लाखों लोगों को आध्यात्म की राह दिखाई। उनके विषय में प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं द्वारा अंतिम मसीहा होने की भविष्यवाणी की गई है जो स्वर्ण युग लाएगा, जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा। यह लेख विश्व के उद्धारकर्ता संत रामपाल जी महाराज का जीवंत विवरण प्रदान करेगा। इसलिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
आगे बढ़ते हुए सबसे पहले हम अवतार का अर्थ समझेंगे?
अवतार का अर्थ क्या है?
अवतार का अर्थ है धार्मिकता की स्थापना के लिए अमरलोक से मृत्युलोक में प्रकट होने वाले एक दिव्य पुरुष यानि, इस मृत दुनिया पर शासन करने वाली बुरी ताकतों से पीड़ित आत्माओं की रक्षा करना। आध्यात्मिक पूर्णता से लैस किसी सर्वोच्च आत्मा का अवतार पृथ्वी पर आना एक नियमित घटना है जो सभी युगों में होती है। दैवीय अवतरण, अर्थात् अनंत से नश्वर संसार में सर्वोच्च आत्मा का प्रकट होना।
संत रामपाल जी महाराज परम अक्षर ब्रह्म/सतपुरुष/शब्द स्वरूपी राम/अकाल पुरुष के वही दिव्य अवतार हैं जो भक्ति का सच्चा मार्ग प्रदान करते हैं जो सभी पवित्र शास्त्रों के अनुसार है, जिनके मार्गदर्शन में स्वर्ण युग की शुरुआत होगी जैसा कि प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं द्वारा भविष्यवाणी की गई है।
आध्यात्मिक गुरु संत रामपाल जी महाराज के विषय में जानकारी
संत रामपाल जी महाराज सतलोक आश्रम, बरवाला, जिला हिसार, हरियाणा के संचालक हैं जो पवित्र शास्त्रों के अनुसार कबीर भगवान का सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। उनका जन्म 8 सितंबर 1951 को भारत के हरियाणा राज्य के सोनीपत जिले के गुहाना तहसील के धनाना नामक एक छोटे से गाँव में एक किसान परिवार में हुआ है। उनके पिता का नाम भगत नंदराम और उनकी माता का नाम भगतमती इंद्रो देवी है। संत रामपाल जी महाराज के चार बच्चे हैं। (वास्तव में, सभी प्राणी, मनुष्य संत रामपाल जी यानि सर्वशक्तिमान कबीर जी की ही संतान हैं)। भक्तों को नाम दीक्षा प्रदान करने से पहले वे सिंचाई विभाग, हरियाणा सरकार में जूनियर इंजीनियर (अभियंता) के रूप में कार्य करते थे और 18 वर्षों तक सेवा की।
उनकी आध्यात्मिक यात्रा 17 फरवरी 1988 को कबीर पंथी गुरु स्वामी रामदेवानंद जी के शिष्य बनने के बाद शुरू हुई, जिसे "बोध दिवस" के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। (इस दिन उनका आध्यात्मिक जन्म हुआ)। स्वामी रामदेवानंद जी ने वर्ष 1994 में उन्हें अपना उत्तराधिकारी यह कहते हुए चुना था कि "इस पूरी दुनिया में आपके जैसा कोई दूसरा संत नहीं होगा"। संत रामपाल जी महाराज को सत्य आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ, तब से उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया जिसे हरियाणा सरकार ने त्याग पत्र दिनांक 16/5/2000, संख्या 3492.3500 द्वारा स्वीकार कर लिया। उन्होंने 1994-1998 तक घर-घर जाकर आध्यात्मिक प्रवचन दिए। जल्द ही हजारों भक्तों ने शरण ग्रहण की और वर्ष 1999 में हरियाणा के रोहतक जिले के करोंथा में आश्रम की स्थापना की गई। वर्तमान में, वह पूरी तरह से दुनिया भर में भक्ति के सच्चे मार्ग का प्रचार-प्रसार करने के लिए समर्पित हैं जिसके फलस्वरूप आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होगी।
सूक्ष्मवेद में यानि परमात्मा कबीर साहेब की अमृत वाणी में उल्लेख किया गया है:-
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।
विभिन्न नकली धर्मगुरुओं, समकालीन संतों और महंतों से हर कदम पर कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद पूरी मानव जाति के कल्याण के उद्देश्य से संत रामपाल जी महाराज जनता तक पहुंचने और सत्य भक्ति करने वाले प्रत्येक भक्त के दिल में जगह बनाने में सफल रहे हैं और उनके प्रत्येक भक्त प्रतिदिन लाभ प्राप्त कर रहे हैं। भक्तों को संत रामपाल जी महाराज के सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान को सुनने से रोकने के लिए नकली बिकाऊ मीडिया और धार्मिक गुरुओं ने उनके नाम को गलत तरीके से उछाला और जनता के बीच एक नकारात्मक छवि बनाने की कोशिश की। लेकिन उनके द्वारा प्रदान की गई सत्य भक्ति ने दुनिया भर में उन लाखों भक्तों के जीवन को बदल दिया है जो दलदल की ज़िन्दगी से निकलकर अब सुख और आराम की ज़िन्दगी बिता रहे हैं, चाहे मुश्किलें लोगों के स्वास्थ से सम्बंधित हों, वित्तीय अस्थिरता हो, पारिवारिक बंधन हों संत रामपाल जी ने सभी भक्तों के दुखों को दूर किया है और इस तरह, नकली गुरुओं के उनके प्रति नफरत और अविश्वास फैलाने के सभी प्रयास व्यर्थ हो गए। केवल एक पूर्ण संत जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रतिनिधि होते हैं और जिनके पास पवित्र शास्त्रों में प्रमाणित ज्ञान होता है उनमें ही यह गुण होता है।
पूर्ण संत रामपाल जी महाराज की पहचान के लिए सभी को अवश्य पढ़ना चाहिए पूर्ण संत की पहचान
अवतार संत रामपाल जी महाराज का एकमात्र उद्देश्य
आत्माएं कसाई ब्रह्म काल के जाल में फँसी हुई हैं आत्माऐं काल के जाल में कैसे फंसी और युगों से दिन-रात प्रताड़ित हैं। सर्वशक्तिमान कबीर उद्धारकर्ता हैं जो अपनी प्रिय आत्माओं को कसाई काल के जाल से मुक्त करने के उद्देश्य से हर युग में अवतरित होते हैं।
सूक्ष्मवेद इसका प्रमाण प्रदान करता है।
सतयुग में सत सुकृत कह टेरा , त्रेता नाम मुनिंद्र मेरा |
द्वापर में करुणामय कहाया , कलयुग नाम कबीर धराया ||
सर्वशक्तिमान परमेश्वर पुनः अवतरित हुए हैं और संत रामपाल जी महाराज के रूप में दिव्य लीला कर रहे हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य संपूर्ण मानव जाति का कल्याण करना है। उन्होंने सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करके पीड़ित आत्माओं को काल जाल से मुक्त करने के लिए अवतार लिया है सृष्टि रचना के रहस्यों का खुलासा प्रमाण सहित ताकि वे अपने सदा सुखी मूल निवास सचखंड/ सतलोक में वापस आ सकें, जहां जाने के उपरांत जन्म और मृत्यु का चक्र हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है और आत्माएं इस नश्वर दुनिया में कभी वापस नहीं आती। संत रामपाल जी का आध्यात्मिक ज्ञान अद्वितीय और अभूतपूर्व है जिसका पालन करने से भक्तों को सभी लाभ प्राप्त होते हैं; जैसे आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य में लाभ, या आध्यात्मिक ज्ञान की वृद्धि और यहां तक कि आयु वृद्धि भी होती हैं।
कबीर परमेश्वर अमृत वाणी में कहते हैं;
“मानुष जनम दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार |
जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लगता डार” ||
मानव जन्म का एकमात्र उद्देश्य ब्रह्मांड के निर्माता - परम अक्षर ब्रह्म की सत्य साधना करना और मोक्ष प्राप्त करना है। इसलिए ईश्वरप्रेमी आत्माओं से अनुरोध है कि संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनें और उनकी शरण ग्रहण करें और अपना कल्याण करवाएं।
अवश्य पढ़े संत रामपाल जी महाराज जी की जीवनी
अवतार संत रामपाल जी महाराज के विषय में भविष्यवाणियां
महान भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के केयरो, जीन डिक्सन, श्रीमान चार्ल्स क्लार्क और अमेरिका के श्री एंडरसन, हॉलैंड के श्री वेजिलेटिन, श्री जेरार्ड क्राइस, हंगरी के भविष्यवक्ता बोरिस्का, फ्रांस के डॉ. ज़ुल्वोरोन, प्रसिद्ध फ्रांसीसी भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस, इज़राइल के प्रोफेसर हरारे, नॉर्वे के श्री आनंदाचार्य, जयगुरुदेव पंथ के श्री तुलसीदास साहेब मथुरा वाले और कई अन्य भविष्यवक्ताओं ने महान संत रामपाल जी महाराज के बारे में भविष्यवाणी की है कि वह अवतार 'विश्व में एक नई सभ्यता' लाएगा जो सम्पूर्ण विश्व में फैल जाएगी संत रामपाल जी महाराज के समर्थन में अन्य भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियाँ चारों ओर शांति और भाईचारा होगा और वह नई सभ्यता आध्यात्म पर आधारित होगी जो भारत के एक ग्रामीण परिवार में पैदा हुए एक महान आध्यात्मिक नेता के नेतृत्व में उत्पन्न होगी। महान आध्यात्मिक नेता के पास आम लोगों की बहुत बड़ी संख्या होगी जो भौतिकवाद को आध्यात्मवाद में बदल देंगे। महान आध्यात्मिक नेता (अवतार संत रामपाल जी महाराज) के मार्गदर्शन में भारत धार्मिक, औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से दुनिया का नेतृत्व करेगा और पूरी दुनिया में भक्तों को उनके द्वारा बताई भक्ति विधि ही स्वीकार्य होगी।
नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की है कि महान शायरन (तत्वदर्शी संत); हिंदू समुदाय से संबंधित मध्यम आयु वर्ग (55-60 वर्ष) सन् 2006 में प्रकाश में आएगा जो सारी पृथ्वी पर स्वर्ण युग का प्रारम्भ करेगा और शास्त्रों पर आधारित सत्य भक्ति विधि प्रदान करेगा और अज्ञानता को दूर करेगा जिसकी प्रसिद्धि आकाश से परे होगी। वह आत्माओं को शैतान से मुक्त करेगा और उन्हें सर्वोच्च शांति प्राप्त करवाएगा।
अवश्य पढ़ें संत रामपाल जी के विषय में नास्त्रोदमस की भविष्यवाणी
देखें संत रामपाल जी के 74वें अवतरण दिवस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रम धनाना धाम सोनीपत (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश), सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब), सतलोक आश्रम धुरी, (पंजाब) सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल) कुल 10 आश्रमों में 6 से 8 सितंबर 2024 को अखंड पाठ प्रकाश, विशाल भंडारे, दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर, विशाल सत्संग समारोह और आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आप सभी भाइयों बहनों से करबद्ध निवेदन है कि आप संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस पर अपने परिवार, रिश्तेदारों, सगे संबंधियों के साथ आश्रमों में अवश्य पधारें और आदि सनातन धर्म व मानव धर्म के पुनरुत्थान के साक्षी बनें।
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इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2024 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
Facebook page:- spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
Youtube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter :- @SaintRampalJiM
अवतार संत रामपाल जी महाराज के विषय में पवित्र शास्त्रों से साक्ष्य
संत रामपाल जी महाराज कबीर भगवान के अवतार हैं जिनके बारे में पवित्र ग्रंथ, वेद, पवित्र वेदों में पूर्ण परमात्मा की अवधारणा (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) श्रीमद्भगवद गीता- अध्याय 4 श्लोक 32, 34, अध्याय 15 श्लोक 1-4, और अध्याय 17 श्लोक 23. पवित्र कुरान शरीफ कुरान शरीफ (इस्लाम) में सर्वशक्तिमान अविनाशी भगवान (अल्लाह कबीर) - सूरत फुरकानी 25:52-59, पवित्र बाइबिल, पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहब पर्याप्त सबूत प्रदान करते हैं। भाई बाले वाली जन्म साखी में उल्लेख है कि सर्वोच्च संत जाट समुदाय से होगा और बरवाला, हरियाणा (पहले हरियाणा प्रांत पंजाब में ही था) से आध्यात्मिक प्रवचन प्रदान करेगा। ये सारे प्रमाण संत रामपाल जी महाराज पर बिल्कुल सटीक बैठते हैं।
अवतार संत रामपाल जी महाराज के विषय में सर्वशक्तिमान कबीर जी की भविष्यवाणी
संदर्भ: पवित्र कबीर सागर, अध्याय बोध सागर, पृष्ठ 134 और 171
पवित्र कबीर सागर अर्थात सूक्ष्मवेद जो कि सर्वशक्तिमान कबीर जी की अमृत वाणी है में उल्लेख है कि 'जब कलयुग 5505 वर्ष बीत जाएगा तब उनका 13वां वंश 'सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने के लिए आएगा और शास्त्र विरुद्ध भक्ति विधि व ज्ञान और झूठी धार्मिक प्रथाओं को मिटाकर शांति की स्थापना करेगा। वह साधकों को सच्चे मोक्ष मंत्र प्रदान करने के लिए अधिकृत होगा (प्रमाण भगवद गीता अध्याय 17 श्लोक 23)। सभी आत्माएं बुराई छोड़ देंगी और सदाचारी बन जाएंगी और भगवान कबीर के अवतार की महिमा करेंगी।' कलयुग में सन्न 1997 में अपने 5505 वर्ष पूरे किए और उसी वर्ष सर्वशक्तिमान कबीर सभी धर्मों के अनुसार अमर परमात्मा की प्रमाणित जानकारी महान संत रामपाल जी महाराज से मिले और उन्हें पवित्र ईश्वर-प्रेमी आत्माओं को नाम दीक्षा देने की अनुमति दी।
इसका प्रमाण कबीर परमेश्वर की अमृत वाणी में है |
“पांच सहस्र अरु पांचसौ, जब कलयुग बीत जाए |
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए” ||
वह महान पुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज, सतपुरुष/भगवान कबीर के अवतार ही हैं, जिनका अवतार दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है।
सामाजिक उत्थान में संत रामपाल जी का योगदान
समाज में फैली दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से मिटाने के साथ-साथ सामाजिक उत्थान के लिए आध्यात्मिक गुरु संत रामपाल जी महाराज ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य विवाह में न तो दहेज देते हैं और न ही लेते हैं। 17 मिनट की रमैणी का पाठ किया जाता है जो नव विवाहित दंपत्ति को एक अटूट रिश्ते में बांध देता है। संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदान किए गए सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान से नशीले पदार्थों का सेवन, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुरी सामाजिक प्रथाओं को समाप्त कर दिया गया है। संत रामपाल जी महाराज का कोई भी शिष्य अब नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करता और न ही बुरा आचरण करता है तथा केवल शास्त्र अनुकूल सत्य भक्ति करता है क्योंकि उन्हें ज्ञान हो गया है कि मानव जन्म का एकमात्र उद्देश्य सत्य भक्ति करना है जो शास्त्रों पर आधारित हो और मोक्ष प्राप्त करना है। संत रामपाल जी महाराज ने समाज में प्रचलित हर धार्मिक पाखंड का पर्दाफाश किया है और भक्ति का सच्चा मार्ग दिखाया है जिससे लाखों अनुयायी समृद्ध जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अवतरण (अवतार) दिवस कैसे मनाया जाता है?
8 सितंबर 2024 संत रामपाल जी महाराज का 74वां अवतरण दिवस है। यह शुभ दिन दुनिया भर में मनाया जाता है जहाँ संत रामपाल जी महाराज द्वारा आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से अमृत वाणी की वर्षा की जाती है, जिनकी कृपा से 'भक्त आत्माओं का वर्तमान जीवन व मृत्यु उपरांत' जीवन भी सरल हो जाता है। वह सभी सच्चे भक्तों को काल जाल से मुक्त करने की गारंटी देते हैं जो उनके द्वारा निर्धारित भक्ति के नियमों में रहते हुए भक्ति करते हैं। अवतरण दिवस पर संत गरीबदास जी के पवित्र सदग्रंथ साहब का 3-5 दिन का पाठ किया जाता है। भव्य सामुदायिक भोजन-भंडारा (मुफ्त और स्वादिष्ट) का आयोजन किया जाता है, जहां हर कोई चाहे वह किसी भी जाति, पंथ, धर्म का हो भोजन का आनंद ले सकता है। रक्तदान, अंगदान शिविर आयोजित किए जाते हैं, साथ ही दहेज मुक्त विवाह यानि रमैणी का भी आयोजन किया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा किए जा रहे समाज सुधार के सराहनीय कार्य
आइए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा एक महान समाज सुधारक के रूप में किए जाने वाले अद्भुत कार्यों के बारे में जानें। संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज सुधारक के रूप में अद्भुत कार्य कर रहे हैं। नशा समाज में गहरी जड़ें जमा चुका है। हालांकि सरकार शराब, धूम्रपान, ड्रग्स आदि नशीले पदार्थों के सेवन की इस बुराई को आंशिक रूप से खत्म करने की कोशिश कर रही है लेकिन लाखों रूपए खर्च करने के बावजूद उनकी सभी योजनाएं बेकार हो रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार को बहुत बड़ी आय भी लोगों के नशे करने से आती है। लोगों को तत्वज्ञान यानी आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है यदि हो जाए तो नशा करना तो दूर उसे छूने से भी बचेंगे। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान से परिचित हैं और नशीले पदार्थों के सेवन के दुष्परिणामों को समझ चुके हैं। नशा मोक्ष प्राप्ति में एक बड़ी बाधा है और तत्वदर्शी संत का प्रत्येक भक्त इस तथ्य को समझ गया है कि मानव जन्म का एकमात्र उद्देश्य सत भक्ति करते हुए मोक्ष प्राप्त करना है। इसलिए वे इन जीवन बर्बाद करने वाले व्यसनों से प्रभावित नहीं होते हैं। आप सभी से प्रार्थना है कि नशा करना छोड़ दें और यदि नहीं छोड़ पा रहे हैं तो संत रामपाल जी महाराज जी की मदद अवश्य लें।
सतभक्ति प्रदान करके विश्व को मोक्ष प्रदान करना
काल की दुनिया में रहने वाले सभी प्राणी गुमराह हैं और मनमानी पूजा करके अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं क्योंकि शास्त्र विरुद्ध पूजा करने से साधकों को कोई लाभ नहीं मिलता है। संत रामपाल जी समाज सुधारक के रूप में शास्त्रों पर आधारित उपासना करवा कर लोगों के जीवन में बदलाव/ चमत्कार कर रहे हैं जिससे असंभव लगने वाली चीजें भी संभव हो रही हैं और साधकों को असंख्य लाभ मिल रहे हैं। भक्तों का दिन-प्रतिदिन उनमें विश्वास बढ़ रहा है। उनका लक्ष्य सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाना है क्योंकि वे कसाई ब्रह्म काल के जाल में फंसी हुई सभी भ्रमित आत्माओं को मुक्त कराकर उनके असली घर शाश्वत स्थान सतलोक में पहुंचाना चाहते हैं।
समाज से जातिगत भेदभाव को मिटाना
ब्रह्म काल के 21 ब्रह्मांडों में रहने वाले सभी प्राणी एक ईश्वर की संतान हैं। अज्ञानता के कारण हम विभिन्न धर्मों, जातियों और पंथों में विभाजित हैं और अपने सुखदायी परम पिता परमात्मा को भूल गए हैं। महान समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी दुनिया भर के लोगों को आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से एकजुट कर रहे हैं और मानव समाज को सही आध्यात्मिक मार्ग दिखा रहे हैं तथा अपने ज्ञान से उनकी आत्मा को शुद्ध कर रहे हैं जिसके कारण उनके अनुयायी यह भलीभांति समझ चुके हैं कि हम सभी एक ही हैं और एक भगवान के बच्चे हैं इसलिए धर्म या जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
आज की तारीख में प्रचलित शिक्षा प्रणाली युवाओं को अध्यात्म से दूर कर रही है। युवाओं का एकमात्र मकसद भौतिक लाभ प्राप्त करना और करोड़पति बनना है। यह सब तत्वज्ञान की कमी के कारण हो रहा है। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र समाज सुधारक के रूप में अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से युवाओं के बीच उच्च नैतिक मूल्यों को आत्मसात कर रहे हैं, जिससे युवा पीढ़ी समझ रही है कि उनका मानव जन्म अत्यधिक कीमती है और उसे केवल भौतिक धन संचय करने में बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें सतभक्ति करने का भी लक्ष्य रखना चाहिए जो बाद में उनके साथ जाएगा। काल की दुनिया में जीने के लिए आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति के प्रयासों के साथ-साथ उन्हें मानव जन्म का एकमात्र उद्देश्य नहीं भूलना चाहिए जो कि सतभक्ति करना और मोक्ष प्राप्त करना है। संत रामपाल जी के युवा शिष्यों में उच्च नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य हैं। यह नैतिक परिवर्तन सतज्ञान का परिणाम हैं जो संत रामपाल जी अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं।
समाज से दहेज जैसी बुराई को जड़ से खत्म करना
बेटियां हर परिवार के लिए भगवान का वरदान होती है। एक बेटी माता-पिता के लिए उतनी ही अनमोल है जितना कि उनका बेटा होता है। लेकिन काल की दुनिया में दहेज की गलत परंपरा और प्रथा के कारण लोग इस तथ्य को नजरअंदाज करते आ रहे हैं और वे एक लड़की/बेटी को बोझ मानते हैं क्योंकि उन्हें उसकी शादी पर अधिक खर्च करना पड़ता है। समाज में प्रचलित दहेज की यह कुप्रथा परिवारों के लिए अभिशाप बन गई है, विशेष रूप से उन गरीबों परिवारों के लिए जो अपनी बेटी की शादी का अधिक खर्च वहन नहीं कर सकते। समाज से इस बुराई को मिटाने में महान समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी ने अद्भुत काम किया है। उनके शिष्य विवाह में न तो दहेज देते हैं और न ही लेते हैं। रमैनी नामक विवाह में 33 करोड़ भगवानों का आह्वान करते हुए 17 मिनट में बहुत ही सरल तरीके से विवाह किया जाता है। विवाह में कोई धूमधाम और दिखावा नहीं होता और वरवधू को एक सुखी और समृद्ध जीवन जीने, सतभक्ति करने और मुक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करने की पहल
काल का संसार दुखों से भरा है। यहाँ कोई प्राणी सुखी नहीं है। चारों तरफ अराजकता है। लोग बहुत छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगडे़ करने के लिए तैयार रहते हैं। महान समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों के माध्यम से दुनिया भर में शांति और भाईचारे का संदेश फैला रहे हैं और एक मज़बूत समाज का निर्माण कर रहे हैं।
सामाजिक बुराइयों को दूर कर स्वच्छ समाज का निर्माण करना
दहेज, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, नशीले पदार्थों का सेवन करना, व्यभिचार आदि जैसी कई सामाजिक बुराइयाँ समाज में व्याप्त हैं। अज्ञानतावश लोग ये सब गलत काम करते हैं। महान समाज सुधारक संत रामपाल जी सत्य आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करके लोगों में उच्च सामाजिक और नैतिक मूल्यों को आत्मसात करवा रहे हैं जिसके साथ सभी सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन किया जा रहा है और उनके शिष्य सभी बुराइयों से बचकर जीवन जी रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि पूरी दुनिया सभी सामाजिक बुराइयों को छोड़ कर एक सरल और सुखी जीवन व्यतीत करे। विश्वभर में यह महान परिवर्तन सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान के प्रसार से संभव हो रहा है जो महान तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पूरा हो रहा है।
भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना
समाज में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह एक दीमक की तरह फैल चुकी हैं जो धीरे-धीरे समाज को बर्बाद और खोखला कर रही हैं। हत्या, चोरी, घूसखोरी, रिश्वतखोरी, मिलावट, दूसरों का हक मारना आदि भ्रष्टाचार सब अज्ञानता के कारण किए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार बढ़ाने में राजनीति करने वालों और बॉलीवुड का बहुत बड़ा योगदान है। महान समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के शिष्य न सिनेमा देखते हैं, न संगीत बजाते हैं, न नृत्य करते हैं और न राजनीति का हिस्सा बनते हैं। वे उच्च सामाजिक और नैतिक मूल्यों के साथ एक सादा जीवन जीते हैं और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से दूर रहते हैं।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना
महान समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के शिष्य विनम्र और उदार हैं। वे शुद्ध हृदय के हैं। वे किसी को धोखा नहीं देते हैं क्योंकि वे समझ चुके हैं कि ऐसे कार्य भगवान को पसंद नहीं हैं और उनका एकमात्र उद्देश्य परमात्मा को प्राप्त करना है। संत जी के सभी शिष्य सभी प्रकार के पाखंड से दूर रहते हैं चाहे वह धार्मिक हो या सामाजिक। वे सभी पवित्र शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार पूजा करते हैं और पूजा के निर्धारित नियमों का धार्मिक रूप से पालन करते हैं। यह सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान का परिणाम है जो संत रामपाल जी महाराज द्वारा आध्यात्मिक प्रवचनों के माध्यम से फैलाया जा रहा है।
निष्कर्ष
“अच्छे दिन पाछे गए, सतगुरु से किया न हेत |
अब पछतावा क्या करे,, जब चिड़िया चुग गई खेत” ||
सभी पाठकों से करबद्ध अनुरोध है की समय रहते दुनिया के उद्धारकर्ता संत रामपाल जी महाराज को पहचानें, अन्यथा बाद में पछताने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं बचेगा।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं;
“जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा |
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा “||
विश्व विजेता संत रामपाल जी महाराज, भगवान कबीर साहेब के अवतार हैं और अज्ञानता को दूर करने और कसाई काल के जाल में फंसी हुई अपनी प्यारी आत्माओं को मुक्त करने के लिए व चारों ओर फैले अधर्म का विनाश करने के लिए अवतरित हुए हैं। आप सभी उनकी शरण ग्रहण करें और अपने मानव जन्म को श्रेष्ठ बनाकर मोक्ष प्राप्त करें, परमात्मा को प्राप्त करें।
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